वर्तमान में ‘वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक, 2025’ भारतीय संसद में चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है। इस विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों और उनके संभावित प्रभावों को लेकर विभिन्न पक्षों में मतभेद हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि Waqf Bill Kya Hai, इसमें क्या बदलाव प्रस्तावित हैं, और इससे जुड़े विवाद क्यों उत्पन्न हो रहे हैं।
Waqf Bill क्या है? – वक्फ बिल क्या है?

वक्फ बिल समझने से पहले समजे “वक्फ” क्या होता है? वक्फ का मतलब होता है ऐसी संपत्ति जो इस्लामिक कानून के तहत धार्मिक, परोपकारी या पवित्र उद्देश्यों के लिए दान की जाती है। ये संपत्तियाँ मस्जिदों, कब्रिस्तानों, स्कूलों, अस्पतालों या गरीबों की मदद के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। एक बार जब कोई संपत्ति वक्फ बन जाती है, तो वह अल्लाह की मानी जाती है और उसे बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता।
वक्फ बिल (Waqf Bill), जिसे आधिकारिक तौर पर वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 कहा जाता है, भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियमन को बेहतर करने के लिए बनाया गया एक कानून है।
वक्फ संपत्तियों को भारत में वक्फ एक्ट, 1995 के तहत संचालन किया जाता है। लेकिन कई सालों से इन संपत्तियों के प्रबंधन में समस्याएँ देखी गई हैं, जैसे कि गलत इस्तेमाल, अतिक्रमण (कब्जा), और पारदर्शिता की कमी। इसीलिए सरकार ने 8 अगस्त, 2024 को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल पेश किया, ताकि इन समस्याओं को ठीक किया जा सके और वक्फ बोर्ड के काम को बेहतर बनाया जा सके। इस बिल को अब एक जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजा गया है, जो इस पर और चर्चा कर रही है।
Waqf Bill in Hindi: विवाद क्यों हो रहा है?
बिल को लेकर काफी बहस हो रही है। कुछ लोग इसे अच्छा मानते हैं क्योंकि यह वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाएगा और गलत इस्तेमाल को रोकेगा। लेकिन कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि:
- गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है। जैसे हिंदू मंदिरों के बोर्ड में गैर-हिंदुओं को जगह नहीं दी जाती, वैसे ही वक्फ बोर्ड में भी सिर्फ मुस्लिम होने चाहिए।
- यह बिल वक्फ संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ा देगा, जो मुस्लिम समुदाय की स्वायत्तता को कम कर सकता है।
- कुछ लोग मानते हैं कि यह बिल संविधान के खिलाफ है, क्योंकि यह धार्मिक मामलों में दखल देता है, जो संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत संरक्षित हैं।
वक्फ के पास कुल कितनी है प्रॉपर्टी है?
अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि भारत में वक्फ बोर्ड के पास कुल 39 लाख एकड़ जमीन है। 1913 से 2013 तक यह 18 लाख एकड़ थी, लेकिन 2013 से 2025 तक 21 लाख एकड़ और बढ़ गई है। यह भारत में तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है, सेना और रेलवे के बाद। इसीलिए इसका सही प्रबंधन जरूरी है।
वक्फ बिल में मुख्य बदलाव क्या हैं?
1. गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना: बिल में अब सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना अनिवार्य है। इसमें कम से कम दो गैर-मुस्लिम और दो महिलाओं को जगह दी जाएगी। यह बदलाव समावेशिता (inclusivity) के लिए किया गया है, लेकिन इसका काफी विरोध हो रहा है।
2. वक्फ संपत्ति की जाँच का नया तरीका: पहले वक्फ बोर्ड यह तय करता था कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं। अब यह जिम्मेदारी डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर से ऊपर रैंक के एक सरकारी अधिकारी को दी गई है। अगर कोई संपत्ति सरकारी है और उसे वक्फ बताया गया है, तो यह अधिकारी तय करेगा कि वह वक्फ है या नहीं।
3. वक्फ बाय यूज़र को हटाना: पहले अगर कोई संपत्ति लंबे समय से धार्मिक काम के लिए इस्तेमाल हो रही थी, तो उसे वक्फ माना जा सकता था, भले ही उसके कागजात न हों। अब यह नियम हटा दिया गया है, लेकिन पहले से रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियाँ इससे प्रभावित नहीं होंगी, जब तक कि कोई विवाद न हो।
4. हाई कोर्ट में अपील का अधिकार: पहले वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम होता था, लेकिन अब उसके खिलाफ हाई कोर्ट में 90 दिनों के अंदर अपील की जा सकती है। यह बदलाव पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए किया गया है।
5. डिजिटाइजेशन और पारदर्शिता: सभी वक्फ संपत्तियों को एक सेंट्रल पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा। म्यूटावल्ली (वक्फ संपत्ति का प्रबंधक) को 6 महीने के अंदर संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराना होगा, नहीं तो वह वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी।
वक्फ बिल 2025 में नवीनतम अपडेट क्या है? (Latest Updates on Waqf Bill in 2025)

वक्फ बिल, जिसे वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 के नाम से शुरू किया गया था, अब 2025 में वक्फ (संशोधन) बिल, 2025 के रूप में चर्चा में है। यह बिल भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर करने के लिए बनाया गया है। 2 अप्रैल, 2025 तक, इस बिल को लेकर कई बड़े अपडेट्स सामने आए हैं, जो इसे और भी विवादास्पद बना रहे हैं। चलो इसे आसान भाषा में समझते हैं!
वक्फ बिल को लोकसभा में फिर से पेश किया गया
2 अप्रैल, 2025 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल, 2025 को पेश किया। यह बिल पिछले साल अगस्त 2024 में पहली बार पेश किया गया था, लेकिन भारी विरोध के बाद इसे जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेज दिया गया था। JPC ने अपनी रिपोर्ट 13 फरवरी, 2025 को दी, और 25 सुझावों को शामिल करने के बाद इस बिल को फिर से तैयार किया गया। अब इसे यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (UMEED) बिल नाम दिया गया है, जिसका मतलब है कि यह वक्फ प्रबंधन में पारदर्शिता और सशक्तिकरण लाने की कोशिश कर रहा है।
वक्फ बिल को लेकर क्या विवाद है?
यह बिल 2025 में भी काफी विवादों में रहा है। 2 अप्रैल, 2025 को लोकसभा में इसे पेश करने के बाद 8 घंटे की लंबी बहस हुई, और वोटिंग भी शुरू हो गई है। लेकिन कई लोग और पार्टियाँ इसका विरोध कर रहे हैं:
- विपक्ष का विरोध: कांग्रेस, AIMIM, और अन्य विपक्षी पार्टियों का कहना है कि यह बिल संविधान के खिलाफ है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि यह बिल संविधान की मूल संरचना पर हमला है और अल्पसंख्यकों को हाशिए पर धकेलने की कोशिश है। AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी ने इसे वक्फ की नींव को कमजोर करने वाला बताया।
- धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल: कई मुस्लिम संगठनों, जैसे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB), का कहना है कि गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है। उनका तर्क है कि हिंदू मंदिरों के बोर्ड में गैर-हिंदुओं को जगह नहीं दी जाती, तो वक्फ बोर्ड में ऐसा क्यों हो?
- सरकारी हस्तक्षेप की आलोचना: विपक्ष का कहना है कि यह बिल सरकार को वक्फ संपत्तियों पर ज्यादा नियंत्रण देता है, जो मुस्लिम समुदाय की स्वायत्तता को कम कर सकता है।
Waqf Bill Kya Hai– अभी क्या स्थिति है?
2 अप्रैल, 2025 को लोकसभा में इस बिल पर बहस के बाद वोटिंग शुरू हो चुकी है। एनडीए (NDA) के पास लोकसभा में 293 सांसद हैं, जो 272 की जरूरी संख्या से ज्यादा है। राज्यसभा में भी उनके पास 125 सांसद हैं, जो 118 की जरूरी संख्या से अधिक है। ऐसे में बिल के पास होने की संभावना ज्यादा है। लेकिन विपक्ष ने इसे रोकने की पूरी कोशिश की है। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने काले कपड़े पहनकर और “रिजेक्ट वक्फ बिल” का प्लेकार्ड लेकर विरोध जताया।
निष्कर्ष: Waqf Bill kya hai?
‘वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक, 2025’ भारतीय राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बना हुआ है। विधेयक के समर्थक इसे वक़्फ़ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में कदम मानते हैं, जबकि विरोधी इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ मानते हैं। आने वाले समय में राज्यसभा में इस पर होने वाली बहस और निर्णय से इसके भविष्य का निर्धारण होगा।